राष्ट्रपति
जी, बंग्लादेश
में हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करिए: विहिप
कल (0 6 /0 3 /1 3 ) दोपहर 1 2 बजे होगा दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन
नई दिल्ली मार्च 5,
2013. विश्व
हिन्दू परिषद ने आज केन्द्र सरकार को चेताया है कि वह पडौसी देश बंग्लादेश में हिन्दू
समाज पर लगातार हो रहे प्रहारों को रोके और भारत में गैर कानूनी रूप से रह रहे करोडों
बांग्लादेशियों बापस भेजे। विहिप दिल्ली के महा मत्री श्री सत्येन्द्र मोहन ने आज प्रात:
देश के राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी को भेजे पत्र में कहा कि बंग्लादेश में हिन्दू
मन्दिरों व हिन्दू घरों को तोडा व जलाया जा रहा है। इसे न सिर्फ़ अबिलम्ब रोका जाए वल्कि
महामहिम अपने बंग्लादेश दौरे के दौरान इस बात को भी सुनिश्चित करके आएं कि बंग्लादेश
की धरती पर फ़िर कभी किसी हिन्दू धर्मावलम्बी की आस्था व जान-माल पर चोट न पहुंच सके।
इसके अलावा केन्द्र की यूपीए सरकार द्वारा जिस प्रकार बंग्लादेशियों को आयातित वोट
बेंक के रूप में बसाया जा रहा है उससे देश एक गंभीर खतरे की ओर बढ रहा है।
विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख
श्री विनोद बंसल ने बताया कि पडौसी देश में हिन्दुओं का बडे पैमाने पर उत्पीडन हो रहा
है और केन्द्र की यूपीए नीति सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। राष्ट्रपति श्री प्रणव
मुखर्जी के काफ़िले के पास हुए विस्फ़ोट पर चिन्ता व्यक्त करते हुए हमने भारत सरकार से
कहा है कि उनकी सुरक्षा को और मजबूत किया जाए। इसके अलावा आज भेजे पत्र में हमने राष्ट्रपति
महोदय से आग्रह किया है कि वे अपनी बंग्लादेश यात्रा के दौरान वहां रह रहे हिन्दुओं
की जान-माल व धार्मिक आस्था केन्द्रों की सुरक्षार्थ सभी व्यवस्था करवाएं जिससे भविष्य
में वहां कोई किसी भी हिन्दू का उत्पीडन न कर सके। श्री बंसल ने आगे बताया कि विहिप
दिल्ली के महा मंत्री द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में महामहिम से यह भी निवेदन किया गया
है कि बंग्लादेशी सीमा से खुले आम घुसपैठ हो रही है और अब तक तीन करोड से अधिक बंग्लादेशी
भारत के लिए अभिशाप बन चुके हैं। अत: इस समस्या को भी गंभीरता से लिया जाए नहीं तो
आम भारतवासी का जीना दूभर हो जाएगा।
भवदीय
विनोद बंसल
(मीडिया प्रमुख)
इंद्र्प्रस्थ विश्व हिंदू
परिषद, दिल्ली 9810949109
प्रेस निमंत्रण:
नोट : कृपया अपने प्रतिनिधि/छायाकार(फ़ोटो
ग्राफर) को कल दिनांक 0 6 /0 3 /1 3 को इस
सम्वन्ध में दोपहर 1 2 बजे होने वाले प्रदर्शन के कवरेज हेतु दिल्ली के जंतर मंतर पर
भेजकर हमें अनुग्रहित करें।
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